पैसे के लिए एक और युवती की जान ले ली पंचशील अस्पताल ने
(लगातार शिकायतों के बाद भी आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही)
जयप्रकाश वर्मा
ककराही सोनभद्र।
सोनभद्र, जिला मुख्यालय पर स्थित चर्चित पंचशील हॉस्पिटल में एक और युवती पैसे की हवस का शिकार हो गई,।बुधवार की शाम अस्पताल में युवती की मौत हो गई लेकिन अस्पताल संचालक ने उसे बेहोश दिखाकर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने देखते ही उसे मृत घोषित कर दिया!
शव लेकर परिजन वापस लौट आए,मृत युवती के पति संतोष मौर्य ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर अस्पताल प्रबंधन पर प्राथमिकि दर्ज करने की मांग की है, वही मृत् युवती के मायके के लोगों ने भी आरोप लगाया है कि लड़की की मौत के लिए जिम्मेदार ससुराल पक्ष के लोग हैं!
रावटसगंज कोतवाली क्षेत्र के बेठिगांव गांव निवासी संतोष मौर्य ने बताया कि उसकी पत्नी की तबीयत बुधवार को अचानक खराब हुई और हम लोग उसे लेकर पंचशील अस्पताल पहुंचे, वहां ₹20000 जमा कर लिया गया और ₹2600 मोबाइल से भुगतान कराया गया, मरीज को एडमिट करने के बाद हम लोगों को बाहर बैठा दिया गया, काफी देर के बाद जब हम लोगमरीज के कमरे में पहुंचे तो देखा कि वह बेहोश थी, इस बारे में जब हमने बड़े डॉक्टर से बात करने की बात कही तो पता चला कि यहां कोई बड़ा डॉक्टर है ही नहीं! बेहोश बाताकर उपचार के लिए वाराणसी रेफर कर दिया गया, जहां ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया! संतोष का कहना है कि हमारी पत्नी की मौत अस्पताल में लापरवाही के चलते हुई है वहीं दूसरी तरफ मृत युवती के मायके पक्ष के लोगों ने मौत के लिए ससुराल वालों को जिम्मेदार ठहराया है, फिलहाल पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है,अब देखना यह है कि पंचशील अस्पताल के खिलाफ इस बार भी प्राथमिकी दर्ज हो पाती है कि नहीं!
ज्ञात हो कि लगभग 1 वर्ष पूर्व करमा थाना क्षेत्र के लोहरतलियां गांव निवासी मनीष यादव की मां की भी मौत उपचार में लापरवाही के दौरान पंचशील अस्पताल में हो गई थी, जिसकी खबर लिखने पर एक पत्रकार के खिलाफ अस्पताल संचालक द्वारा प्राथमिकि दर्ज कराई गई थी, उस मामले ने काफी तूल पकड़ा और जिलाधिकारी के द्वारा एक तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई जिसमें तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी तत्कालीन क्षेत्राधिकारी और तत्कालीन उप जिलाधिकारी शामिल थे, तीनों लोगों की रिपोर्ट में लापरवाही पूर्ण उपचार किए जाने मरीज के परिजनों से पैसा वसूलने व अस्पताल में जिन्हें कार्यरत दिखाया गया था उनका कार्यरत ना होना पाया गया था! इतने बड़े आरोप के बाद भी उक्त अस्पताल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई, अभी कुछ माह पूर्व एक मामले ने और तूल पकड़ा था सूत्रों ने बताया कि सांसद तक भी उक्त अस्पताल के खिलाफ कार्यवाही के लिए पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई,
लोगों का कहना है कि आखिर किसके प्रभाव में इस तरह के अस्पताल संचालक के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जा रही है!