करमा बाजार के समीप घोरावल राजवाहा पर बने रेलवे क्रासिंग को बन्द कर दिए जाने से लगभग पचीस गाँव की आबादी प्रभावित हुई।

करमा बाजार के समीप घोरावल राजवाहा पर बने रेलवे क्रासिंग को बन्द कर दिए जाने से लगभग पचीस गाँव की आबादी प्रभावित हुई।
जयप्रकाश वर्मा
करमा, सोनभद्र |
करमा बाजार के समीप घोरावल राजवाहा पर बने रेलवे क्रासिंग को बन्द कर दिए जाने से लगभग पचीस गाँव की आबादी प्रभावित हुई है|इसी रेलवे क्रासिंग से व्लाक मुख्यालय,तहसील मुख्यालय, बैंक, बाबा बिहारी इंटर कॉलेज भरकवाह, मोती सिंह इंटर कॉलेज धौरहरा, डा. राम मनोहर लोहिया महाविद्यालय डिलाही, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भरकवाह, किसान सेवा सहकारी समिति, थाना करमा आदि दैनिक कार्य के लिए सैकड़ों लोगों का आना जाना होता है,
मधुपुर से घोरावल तहसील को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग की उपयोगिता का कोई सरोकार आम जन जीवन से नहीं रह गया है, घोरावल तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाला यह मार्ग पड़रवा से मड़िहान जाने वाली घाघर नहर से होते हुए हिनौता गाँव से मदैनियां होकर मिर्जापुर- सोनभद्र मुख्य मार्ग में मिलाया गया है, यहीं मार्ग बन्द किये गए रेलवे क्रासिंग से सिधे करमा बाजार तक पहुंचता तो लोगों को आवागमन में काफी सुविधा और समय की बचत होती और मधुपुर से सिधे घोरावल तहसील तक सवारी वाहन उपलब्ध हो जाते |
घोरावल राजवाहा पर बना उक्त रेलवे क्रासिंग जब से रेलवे पटरी बिछायी गयी थी तभी से रेलवे विभाग ने फाटक लगा दिया था और नहर विभाग ने फाटक को खोलनेऔर बन्द
करने के लिए अपना स्थाई कर्मचारी तौनात कर रखा था, लगभग सात वर्ष पूर्व अचानक रेलवे विभाग ने क्रासिंग पर लगा फाटक उखाड़ कर उठा ले गया और पीलर खड़ा करके आवागमन बन्द कर दिया, नहर विभाग ने अपने कर्मचारी को दूसरे जगह तैनात कर दिया, रेलवे क्रासिंग अचानक बन्द किये जाने से मिर्जापुर एवं सोनभद्र के आसपास गांवों के सैकड़ों लोगों ने एक जुटता दिखाते हुए जमकर विरोध किया गया लेकिन कहीं सुनवायी नहीं हुई, बावजूद इसके अब भी रेलवे क्रासिंग को खोलने की मांग जारी है, चुंकि यह रेलवे क्रासिंग बन्द किये जाने से दो जनपदों के लगभग पचीस गाँव प्रभावित है इस लिए राबर्टसगंज सांसद के साथ ही मिर्जापुर की सांसद से मिलकर रेलवे क्रासिंग को खोलने की मांग तेजी पकड़ती जा रही है,

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