सनी वर्मा हरिद्वार
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हरिद्वार, 13 मार्च। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मां गंगा भारत का गौरव है। गंगा की पवित्रता, निर्मलता बनाए रखना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में गुजरात से आए श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि देश को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध करने में संत महापुरूषों की अहम भूमिका है। धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर चलकर ही व्यक्ति के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
प्रत्येक व्यक्ति को सद्गुरू के सानिध्य में धर्म व अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त कर मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने गुजरात के जूनागढ़ से आयी साध्वी माता नर्मदापुरी का गंगाजली व शाॅल भेंटकर स्वागत किया। जूनागढ़ गुजरात से आयी साध्वी माता नर्मदापुरी महाराज ने कहा कि मां गंगा के दर्शन व आचमन मात्र से ही सभी पापों से निवृत्ति और पापों से मुक्ति प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि पौराणिक दक्षेश्वर महादेव मंदिर में साक्षात रूप से विराजमान भगवान शिव भक्तों का कल्याण करते हैं। गंगा तट पर संतों के सानिध्य में किए गए धार्मिक अनुष्ठान विशेष पुण्य फल प्रदान करते हैं।
वाघम्बरी पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरी महाराज ने कहा कि गंगानगरी हरिद्वार से संत महापुरूषों की वाणी से प्रसारित होने वाले आध्यात्मिक संदेशों से पूरे विश्व को मार्गदर्शन प्राप्त होता है। संत महापुरूषों के तपोबल से भारत एक बार पुनः विश्व गुरू की पदवी पर आसीन होगा और आध्यात्मिक रूप से दुनिया का नेतृत्व करेगा। महंत हरगोविंद पुरी, महंत सूर्यमोहन गिरी, स्वामी कृष्णानंद ने भी भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किए।