अधिवक्ता ने मंडलायुक्त कार्यालय पर संबद्ध कर्मचारी पर उठाया अंगुली शासनादेश की उड़ा रहे धज्जियां, संबद्वता के नाम पर चल रहा है खेल

अधिवक्ता ने मंडलायुक्त कार्यालय पर संबद्ध कर्मचारी पर उठाया अंगुली शासनादेश की उड़ा रहे धज्जियां, संबद्वता के नाम पर चल रहा है खेल

रंजीत तिवारी

गोंडा। गोंडा में आयुक्त कार्यालय में विगत 25 वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के विरोध में अधिवक्ता शुभम सिंह ने मुख्यमंत्री को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई करने व उनको हटाने की मांग की है। मामला मंडलायुक्त कार्यालय का है जहां पर कर्मचारी रक्षा राम वर्मा विगत 25 वर्षो से एक ही स्थान पर आयुक्त कार्यालय में अनुसूचित जाति के पद पर तथ्यों को छिपाकर कार्य कर रहे हैं। प्रार्थना पत्र में दर्शाया है कि 5.10.2021 आदेश संख्या 1263 में इनका स्थानांतरण दूसरे जनपद बहराइच में आशुलिपिक से वैक्तक सहायक पद पर पदोन्नति होने के बाद भी आयुक्त कार्यालय में संबद्व होकर कार्य कर रहे हैं। 1995 में गलत तरीके से अनुचित लाभ के तहत आशुलिपिक के पद पर नियुक्ति हुए उसके पूर्व में होमगार्ड के पद पर कार्य करें थे। जब गोंडा देवीपाटन मंडल का गठन 1997 में हुआ था कार्यालय खुला तो आशुलिपिक के दो पद स्वीकृत एवं सृजित हुआ था। एक समान पद दूसरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। आयुक्त कार्यालय गठन के तत्काल बाद कलेक्ट्रेट गोंडा से आयुक्त कार्यालय बिना किसी आदेश के कार्य करने लगे। जहां एक ओर योगी सरकार में एक शासनादेश जारी हुआ था एक ही स्थान पर 3 साल से अधिक किसी कर्मचारी को ना रखा जाए। उसका पालन सभी विभागों के कर्मचारी के साथ हुआ लेकिन रक्षा राम वर्मा नियम कानून को ताक पर रख कर नही हटाया गया वो अभी भी उसी पटल पर कार्य कर रहे हैं। जनसूचना के माध्यम से खुलासा हुआ की शिकायती प्रार्थना पत्र आईजीआरएस के माध्यम से हटाने के बजाय गलत रिपोर्ट लगाई जाती है। एक ही पटल पर 25 साल से कर रहे हैं नौकरी जमाए हैं। अपना हद अधिकारियों को कर रहे गुमराह अपने कर्मचारी को बचाने के लिए मण्डलायुक्त एमपी अग्रवाल ने अधिवक्ता शुभम सिंह को नोटिस भेजकर बयान देने के लिए कार्यालय बुलाया जहां पर उसको धमकाया भी गया कि आप शिकायत बार.बार कर रहे हैं क्यों न आप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया जाए। बार.बार मुख्यमंत्री कार्यालय पर आयुक्त कार्यालय से गलत आख्या रिपोर्ट लगाकर भेज दिया जाता है प्रार्थना पत्र का अभी तक निस्तारण नहीं किया गया।

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