जो कुछ हुआ वह अल्लाह की मशीयत थी..जो चला गया उसे तो हम वापस ला नहीं सकते लेकिन जिनका घर गिरा है हम उन्हें एक लीरा(तुर्किश करेंसी) भी ख़र्च किए बग़ैर उससे बेहतर घर बनाकर देंगे..किसी के एक पेड़ का नुक़्स़ान हुआ है तो हम उसे दस पेड़ लगाकर देंगे..
ग़म ना करो , अल्लाह हमारे साथ है..
एर्दोग़ान का अपनी अवाम से ख़ित़ाब..