श्रीमद्भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का आयोजन

श्रीमद्भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का आयोजन

बहसूमा। बहसूमा क्षेत्र के गांव समसपुर में कलश यात्रा के बाद श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ था। शनिवार को श्रीमद्भागवत गीता में गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया। श्रीमद् भागवत कथा में गोवर्धन पूजा एवं छप्पन भोग कथा वर्णन किया गया कथा में गोवर्धन पूजा की दिव्य कथा विस्तार पूर्वक सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथावाचक तरूण रामानुजदास वृंदावन वाले ने भगवान गिरिराज महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराए गए उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य भक्ति का समन्वय होता है वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है जब श्री कृष्ण नंद गांव पहुंचे तो देखा कि गांव में इंद्र पूजन की तैयारी में छप्पन भोग बनाए जा रहे हैं श्रीकृष्ण ने नंद बाबा से पूछा कि कैसा उत्सव होने जा रहा है। जिसकी इतनी भव्य तैयारी हो रही है नंद बाबा ने कहा कि यह उत्सव इंद्र भगवान के पूजन के लिए हो रहा है क्योंकि वर्षा के राजा इंद्र हैं और उन्ही की कृपा से बारिश हो सकती है इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस पूजन का आयोजन हो रहा है इस पर श्री कृष्ण ने इंद्र के लिए हो रहे यज्ञ को बंद करा दिया। और कहा कि जो व्यक्ति जैसा कर्म करता है वैसा ही फल मिलता है इससे इंद्र का कोई मतलब नहीं है ऐसा होने के बाद इंद्र गुस्सा हो गए और भारी बारिश करना शुरू कर दिया। नंद गांव में इससे त्राहि-त्राहि मच ने लगी तो भगवान श्री कृष्ण ने अपनी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को ही उठा लिया नंद गांव के लोग सुरक्षित हो गए। इसके बाद से ही गोवर्धन पूजा का क्रम शुरू हुआ गोवर्धन भगवान की पूजा सभी भक्तों को पंडित द्वारा विधि विधान से कराई गई इसके अलावा भगवान कृष्ण की बाल लीला, माखन चोर लीला का प्रसंग भी विस्तारपूर्वक समझाया गया। इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामवासी व महिलाएं मौजूद रही।

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