*ब्रेकिंग न्यूज़*……………
*अयोध्या*
*जहां एक तरफ सूबे की योगी सरकार माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की बात करती है तो*
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*वहीं दूसरी तरफ तहसील मुख्यालय के लापरवाह अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा अवैध निर्माण*
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*जिसकी खबर सोशल मीडिया पर प्रमुखता से चलाएं जाने पर तहसील प्रशासन में मचा हड़कंप*
आनन-फानन में मौक़े पर लेखपाल व कानूनगो पहुंचकर अवैध निर्माण को रोकवा दिया
लेकिन सबसे बड़ी बात दबंगों ने लेखपाल व कानूनगो की बातें नहीं माने और पुनः1 दिन बाद अवैध निर्माण करना शुरू कर दिया
जिसकी जानकारी पीड़ित आरिफ हुसैन पुत्र स्व गुलाम कादिर को होने पर मौके पर अवैध निर्माण मना करने गए
जहां पर दबंगों ने एकजुट होकर पीड़ित आरिफ हुसैन,भतीजे शातिब हुसैन पुत्र शाहिद हुसैन व भांजा ताजीम खान के ऊपर लाठी-डंडों से हमला कर दिया पीड़ित व उसके भतीजे व भांजा को दबंग मसरूर अहमद पुत्र मसूद अहमद ने हाथों में पिस्टल लहरा कर कह रहा कि इन लोगों को जान से मार दो जो होगा हम देख लेंगे
चोटिल पीड़ित किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग निकले
पीड़ित लिखित शिकायती पत्र देते हुए थाना प्रभारी अमरजीत सिंह को बताया बड़ी बात और कहा की
दबंग मसरूर अहमद भद्दी भद्दी गालियां देते हुए कहा कि इस बार बच गए हो लेकिन हम तुम लोगों को खत्म किए बिना चैन से नहीं बैठेंगे वह हम लोगों की जान लेने की फिराक में है।
*यह मामला कहीं और का नहीं जनपद के थाना इनायतनगर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम तरौली का है।*
बताते चलें कि जहां के निवासी आरिफ हुसैन/स्वर्गीय गुलाम कादिर व अन्य संक्रमणीय भूमिधर गाटा संख्या 261 की निशानदेही के संबंध में प्रार्थना पत्र 7/5/2022 को दिया गया था।
वहीं पूर्व में 12/5/2022 को निशानदेही राजस्व निरीक्षक अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में निस्तारण कर दिया गया
उभय पक्ष सहमत थे जिससे विपक्षी मसरूर अहमद/मकसूद अहमद,मोहम्मद इमरान/बफाती ने अपने हक की जमीन पर आलीशान मकान बनवाया
तत्पश्चात विपक्षी ने तहसील प्रशासन से मिलीभगत कर पीड़ित के बैनामे की जमीन पर पुनः कर रहा अवैध निर्माण
जिसकी जानकारी प्रार्थी के द्वारा उप जिलाधिकारी अमित कुमार जायसवाल को देने पर उन्होंने कहा अवैध निर्माण रोका जाएगा
वहीं पर लेखपाल व कानूनगो के द्वारा अवैध निर्माण को रोका गया लेकिन पैमाइश निरंतर जारी है
पर हल्का लेखपाल के द्वारा बने आलीशान मकान को अब आबादी जैसी जमीनों का जिक्र कर रहे हैं
वही पीड़ित ने बताया कि पूर्व में तहसील प्रशासन के द्वारा जमीन की पैमाइश कर निशानदेही किया गया था
जिस पर विपक्षी ने अपने हक की जमीन पर आलीशान मकान बनवाया तब आबादी जैसी जमीनों का कोई नामोनिशान नहीं था
अब देखने की बात है कि ऐसे दबंगों के ऊपर जिला प्रशासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है या फिर मामले पर की जाती है लीपापोती
*अयोध्या ब्यूरो रिपोर्ट*