न्यायालय के आदेश को ताक पर रखकर धज्जियां उड़ा रही कौड़िया थाने की पुलिस
खाता ना बही कौड़िया पुलिस व राजस्व टीम करे वही सही।
कप्तान साहब क्या यही है आपकी तेजतर्रार मित्र पुलिस?
कौड़िया, गोण्डा। जिले की कौड़िया थाने की पुलिस न्यायालय के आदेश को भी ताख पर रखकर नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। यहाँ न्यायालय एवं शासन का आदेश भी इनके सामने बौना साबित हो रहा है। मामला कौड़िया थाने के अंतर्गत ग्राम उसरैना हरीलाल पुरवा स्थित एक विवादित भूमि से जुड़ा बताया जाता है,जहाँ मामले में पीड़ित द्वारा दिनांक 22/12/22 को न्यायालय के आदेश की जानकारी देने के बाद भी नायब तहसीलदार विरवा, हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षक व थानाध्यक्ष कौड़िया मय महिला व पुरूष सिपाही ने पीड़ित/प्रार्थी का मड़हा व टटिया गिरा दिया और नीम शहतूत, करनैल का पेड़ कटवा दिया,जबकि कोई निर्माण व पेड़ के काटने का आदेश नहीं था। जिससे बेलगाम कौड़िया पुलिस अपने मनमाने कारनामे को लेकर गंभीर सवालिया कटघरे में है।
पीड़ित सतवन्त लाल पुत्र परागदत्त निवासी ग्राम उसरैना हरीलाल पुरवा के मुताबिक उक्त सम्बन्ध में चल रहे मुकदमे में तथाकथित आम रास्ते से अवरोध हटाने व जनहित में ग्रामवासियों के आने जाने के लिए अवरोध करने का आदेश पीड़ित/प्रार्थीगण के विरूद्ध दिनांक 12/12/2022 को पारित किया गया था, जिसमें थानाध्यक्ष कौड़िया को एक सप्ताह के अन्दर अनुपालन आख्या पर प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया गया था। प्रार्थीगण उक्त बाद में द्वितीय पक्ष है और उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर तत्काल जिला जज के न्यायालय में एक निगरानी, फौजदारी वाद संख्या- 477 / 22 सतवन्तलाल प्रति सरजूलाल आदि प्रस्तुत किया था। जिसकी जानकारी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को भी दिया और निगरानी न्यायालय से दिनांक- 22/12/2022 को पारित आदेश दिनांक 12/12/2022 का क्रियान्वयन रोक दिया गया। मगर बीच में ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रथम पक्ष द्वारा विशेष पैरवी के नाते मौके पर जाकर गुरूवार दिनांक 22/12/22 को ही जानकारी देने के बाद भी नायब तहसीलदार विरवा,हल्का लेखपाल व राजस्व निरीक्षक व थानाध्यक्ष कौड़िया मय महिला व पुरूष सिपाही ने प्रार्थी का मड़हा व टटिया गिरा दिया और नीम शहतूत, करनैल के पेड़ कटवा दिया, जबकि कोई निर्माण व पेड़ के काटने का आदेश नहीं था। ऐसी स्थिति में जबकि जिला जज द्वारा 2 बजे का आदेश स्थगित हो गया है और मौके पर पूर्व की स्थिति बहाल किया जाना आवश्यक है, ताकि जिला जज महोदय के आदेश का सम्मान हो सके। इसके बावजूद कौड़िया थाने की पुलिस न्यायालय के आदेश को ताख पर रखकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शासन के आदेशों को सरासर ठेंगा दिखा रही है। वहीं न्यायालय का आदेश भी इनके सामने बौना साबित हो रहा है। जिससे कौड़िया पुलिस अपने मनमाने कारनामे को लेकर गंभीर सवालिया कटघरे में खड़ी हो गई है।