विवाहोत्सव गीतों की धारा में बहे श्रोता

विवाहोत्सव गीतों की धारा में बहे श्रोता
लखनऊ। साकार फाउंडेशन द्वारा संगीत नाटक अकादमी स्थित वाल्मीकि ऑडिटोरियम में 16 दिसम्बर को विवाहोत्सव गीतों की प्रस्तुति दी गई।
साकार फाउंडेशन द्वारा पारंपरिक विवाहोत्सव गीतों की दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 5 दिसंबर से 15 दिसंबर तक प्रख्यात लोकगायिका कमला श्रीवास्तव तथा प्रीति लाल के निर्देशन में किया गया था। इस कार्यशाला में 32 महिलाओं ने पूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किया। इन्हीं महिलाओं द्वारा विवाहोत्सव गीतों की संगीतमय प्रस्तुति वाल्मीकि प्रेक्षागृह के मंच पर दी गई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्णिमा पांडेय ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया तथा इस आयोजन के लिए कमला श्रीवास्तव और प्रीति लाल को साधुवाद दिया। इस अवसर पर अमित दीक्षित , दबीर सिददीकी, विक्रम बिष्ट एव समस्त प्रतिभागी एवं लोकगीत प्रेमी दर्शकगण उपस्थित थे। साकार फाउंडेशन की सचिव प्रीति लाल द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। इस अवसर पर विभा श्रीवास्तव, वीना सक्सेना, अमरावती वर्मा, अनिता श्रीवास्तव, अंजली सिंह, सुषमा प्रकाश, अनुराधा गुप्ता, चित्रा जायसवाल, अविनाश शुक्ला, आभा शुक्ला, सुषमा पाल, ममता जिंदल, मांडवी तिवारी, जया श्रीवास्तव, कुमकुम मिश्र, अल्पना चौधरी, मधु श्रीवास्तव, नवनीता जफ़ा, नीरा मिश्रा, सरिता शर्मा, सरोज श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
समस्त प्रतिभागियों, मुख्य अतिथि तथा गणमान्य अतिथियों का साकार फाउंडेशन की सचिव प्रीति लाल ने स्वागत किया तथा सभी का धन्यवाद दिया।
विवाहोत्सव गीतों की प्रस्तुतियों में ये गीत शामिल थे –
देवी गीत – देवी मइया गौरा भवानी हो रामा हमका सहाय।
मांडव गीत – बाँस फूस केरा मंडवा छवायउँ।
बियाह गीत – हमरा बियाह बाबा यही ठइयाँ। कीहो, आई बियाह केरी बारी जेहमा ह्रदय सगुन बड़ो भारी।
घोड़ी गीत – घोड़ी सजी है सँवार सवार दूल्हे राजा।
बन्ना – बन्ने के हाँथो नवरंगिया रुमालिया रुनझुन होवै।
बन्नी – बन्नी कय हाथन मा मेंहदी
भाँवर गीत – मण्डप कय नीचे अग्नी कय फेरा
रघुकुल विवाह – जनक जी कय बेटियाँ दसरथ कय लाल
नकटौरा – जी का जंजाल मोरी नन्दी आईं
गारी गीत – कहूँ गोरी से नयना लड़ै हुइहैं जेलखाने मा समधी पड़े होइयें।
कीबोर्ड पर चन्द्रेश पाण्डेय एवं ढोलक पर राजकुमार राज ने शानदार संगत की।

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