*गुरु के सानिध्य में रहकर ही होगी भागवत प्राप्ति*
*कथा सुनने वालों की व्यथा सुनते हैं भगवान*
रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी
इटियाथोक गोंडा,बेदुली गांव में मंगलमय परिवार के सौजन्य से चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन कथावाचक परम पूज्य श्री विजय कौशल महाराज जी ने गुरु विश्वामित्र के अयोध्या आगमन, ताड़का, सुबाहु, 20 बहू और सहस्त्रबाहु जैसे आता ताई राक्षसों के बध एवं पति के श्राप से पत्थर की शीला बनी अहिल्या के उद्धार की कथा सुनाई। अहिल्या के उद्धार से पहले भगवान श्रीराम ने गुरु विश्वामित्र से उनके जीवन वृतांत के बारे में जाना इसके बाद चरण स्पर्श से उनका उद्धार किया। उन्होंने कहा कि जो भगवान की कथा सुनते हैं। भगवान अहिल्या की तरह उनकी व्यथा सुनते हैं। इसलिए हम सभी लोगों को भगवत कथा का श्रवण व संतों का सानिध्य अवश्य प्राप्त करना चाहिए। संतो के सानिध्य में बैठकर भगवत भक्ति करने से हमारे अंदर व्याप्त दुर्गुण दूर होते हैं और सद्गुणों का प्रादुर्भाव होता है। यज्ञ अनुष्ठान से भगवत प्राप्ति नहीं होती। भगवत प्राप्ति आंसू बहाने, घुटने टेकने, हाथ जोड़ने व गुरु के सानिध्य में रहकर भक्तिभाव करने से होती है। महाराज श्री ने कहा कि हमें गुरमुख होकर ही कथा, यज्ञ, अनुष्ठान व अन्य धार्मिक कार्य करने चाहिए तभी उसका संपूर्ण लाभ मिलेगा। इस अवसर पर विधायक विनय द्विवेदी, ब्लॉक प्रमुख पूनम द्विवेदी, स्वयं प्रकाश शुक्ला, वेद प्रकाश शुक्ला, राजेश दुबे, कमल कांत शुक्ला, बबलू जैन, सुरेश शुक्ला, राकेश तिवारी, सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।