जनकवि अदम गोंडवी की जयन्ती में गोंडा के महापुरुषों को किया गया नमन

जनकवि अदम गोंडवी की जयन्ती में गोंडा के महापुरुषों को किया गया नमन

कार्यक्रम में शामिल हुए दो आईएएस,जिले की खासियत का बखान कर अदम जी की सोच की तारीफ करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की अपील

कर्नलगंज, गोण्डा। तुम्हारी फाईलों में गाँव का मौसम गुलाबी है मगर ये आंकड़े झूंठे हैं और दावा किताबी है । मेरी सिद्दत ने केवल केवल सर झुकाया दो जगह या कोई मजलूम हो या साहिबे किरदार हो ।। इस पंक्ति को आजीवन आत्मसात करने वाले,गरीबों,मजलूमों,वंचितों की आवाज रहे जनकवि स्व० रामनाथ सिंह अदम गोंडवी की जयन्ती शनिवार को अनुभूति सामाजिक, सांस्कृतिक व साहित्यिक ट्रस्ट के तत्वाधान में कर्नलगंज में मनाई गई। नगर पालिका परिषद सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित राम अचल आचार्य तथा संचालन याकूब सिद्दीकी “अज्म” ने किया। अदम गोंडवी को श्रद्धांजलि देने सेवानिवृत आईएएस बी०के० सिंह तथा गोंडा के पूर्व डीएम राम बहादुर लखनऊ से आए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पूर्व डीएम गोंडा राम बहादुर ने जिले की खासियत का बखान किया। उन्होंने जनकवि अदम सोच की तारीफ करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने की अपील की तथा गोण्डा में पैदा हुए रामचरित मानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास, पूरी दुनिया को योग की शिक्षा देने वाले महर्षि पतंजलि, कृषि वैज्ञानिक घाघ, आजादी आंदोलन के अग्रदूत महाराजा देवी बक्श सिंह तथा गोंडा में शिक्षा लेकर देश के उत्थान में शामिल पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन जैसे महापुरुषों के जीवन चरित्र को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव ने अदम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी एक-एक पंक्ति में बहुत बड़ा संदेश छुपा है उनका एक एक शब्द अपने आप में आंदोलन है। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिपाठी, कार्यक्रम संयोजक अवधेश सिंह, डा ए०के सिंह, कौतुक गुप्ता प्रमोद त्रिपाठी,त्रिलोकी नाथ तिवारी,अवधेश गोस्वामी,संतराम सिंह,गजराज सिंह,अमित सिंह,आशीष सिंह,पुष्पा वेदांती, पुनीता बाजपेयी,इफ्तिखार अहमद,विजय गोस्वामी, प्राग सिंह, सचिन सिंह, वीरेंद्र विक्रम तिवारी “बेतुक”, के०के० सिंह दीप, जयदीप सिंह सरस सहित अन्य तमाम लोगों ने अदम जी को नमन करते हुए उन्हें याद किया। इस कार्यक्रम में कई शायरों व कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से अदम जी तथा अशफाक उल्ला खां को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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