तरबगंज एसओ व हलका दरोगा पर लगा सुविधा शुल्क लेकर मामला दबाने का आरोप !

तरबगंज एसओ व हलका दरोगा पर लगा सुविधा शुल्क लेकर मामला दबाने का आरोप !
एसपी व सीएम के साथ ही हाई प्रोफाइल पर हुई शिकायत, कार्यवाही की मांग

गोण्डा- कानून का बिगड़ा रुख सकारात्मक दिशा की ओर मोड़ने के लिए शासन कितना भी कोशिश क्यों ना कर ले, मगर खाकी के चेहरे पर चढ़े दागदार नकाब हटने का नाम नहीं ले रहा है तरबगंज थाने में कानून को फुटबॉल बनाकर उससे खेला जाता है यहां पर तैनात बेलगाम थानेदार कानून को अपना जागीर समझ कर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के मेहरबानी के चलते योगी के सख्त निर्देशों के बावजूद पीड़ितों के इंसाफ को रुपए के तराजू में तोलता है जिसे लेकर यहां की जनता त्रस्त है, बावजूद इसके थानेदार का अंगद रूपी पैर जमा हुआ है तरबगंज थाना अपने कारनामो से हमेशा चर्चा में रहता है। चर्चा के मुताबिक यहां इंसाफ के तराजू पर रुपयों की वजह के आगे पीड़तों का दर्द हल्का पड़ जाता जिसके चलते इन्हें न्याय नही मिल पाता। पीड़ितों की दुश्वारियां बढ़ाकर अधिकारियों को गुमराह करना इन्हें बखूबी आता है। मामला चाहे कुछ भी हो यहां पीड़ितों के न्याय की उम्मीद टूट कर बिखर जाती है। जिसके चलते पीड़ितों को 40 किलोमीटर दूर जाकर एसपी के चौखट पर दर्द की सिसकियाँ भरनी पड़ती है।

थाने में तैनात कानून के नुमाइंदों की बात करें तो यहां हाल फिलहाल मे एक मामले को लेकर छिटिक पुरवा के भाजपा नेता शिव बहादुर पांडेय ने एसओ तरबगंज व हलका दरोगा पर दबंगो से शुविधा शुल्क लेकर मामले को डकारने का आरोप लगाते हुए सीएम योगी के साथ ही डीजीपी व एसपी को शिकायती पत्र भेजकर उचित कार्यवाही की मांग की है। पीड़ित शिव बहादुर पांडेय ने शिकायती पत्र में दर्शाया है कि वह सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं, उनके घर के सामने की भूमि का विवादित मामला कोर्ट में चल रहा है। मामला विचाराधीन होने के बावजूद गांव के दबंग अजय कुमार, रोहित, रिंकू व अन्य लाठी डंडो से लेश होकर दिनांक 29 अगस्त को जबरन कब्जा पर उतारू हो गए। थाने में तहरीर दी गयी मगर कोई कार्यवाही न होने के चलते दबंगो के हौंसले बुलंद हो गए। यही वजह है कि दिनांक 4 अक्टूबर को विपक्षीगणो ने लाठी डंडो से फिर धावा बोलकर घर चढ़ आये और कोर्ट के विचारधीन भूमि कब्जे हेतु आमादा फौजदारी हो गए,जिसकी सूचना फिर थाने में दी गयी। शिव बहादुर का आरोप है कि थाने के एसओ व हल्का दरोगा ने विपक्षीगणो से सुविधा शुल्क लेकर अधिकारियों को न केवल गुमराह किया बल्कि पूरा मामला डकारने में एड़ी छोटी का जोर लगा कर दबंगो को बचाने मे लगे हुए हैं। मामले की बात करें तो दिन हप्ते मे बीत गए परन्तु मामले मे कार्यवाही के बजाय थाने की पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। इन्हें शायद किसी बड़ी अनहोनी घटना का इंतजार है। मामले के बाबत मे जब एसओ मनोज कुमार पाठक से संपर्क किया गया तो उनसे बात न हो सकी। अब सवाल तो यहां यह उठ रहा है कि एक तरफ योगी सरकार जहां अपराध मुक्त भारत बनाने के लिए सख्त कानून बना रहे हैं वहीं दूसरी ओर तरबगंज थाने की पुलिस चंद लाभ के खातिर सारे निर्देशों को ताक पर रखकर शासन के मंशा पर पानी फेर रही है। जिसके चलते पीड़ितों को न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। बहरहाल पुलिस के इन कारनामो की गुत्थी खोलते हुए शिव बहादुर पांडेय ने प्रधानमंत्री के साथ ही गृहमंत्री अमितशाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा जे.पी नड्डा व सीएम योगी को शिकायती पत्र देकर न्याय के साथ ही उचित कार्यवाही की मांग की है। वही तरबगंज थाने मे दिन प्रतिदिन अपराध का ग्राफ बढ़ने के बाबजूद कोतवाल का अंगदरूपी पैर वहीं का वहीं जमा है. जो सीएम योगी के मंशा पर पानी फेरते हुए कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है।

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