श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ – द्वितीय दिवस की कथा ध्रुव संकल्प यात्रा दधीचि महादान गाथा*

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ – द्वितीय दिवस की कथा ध्रुव संकल्प यात्रा दधीचि महादान गाथा*

डॉ0कल्पराम त्रिपाठी ब्यूरोचीफ गोण्डा

सात दिवसीय श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा का किया गया आयोजन जहां कार्यक्रम स्थल महादेव लान नवीन गल्ला मंडी बहराइच रोड पर श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा प्रथम दिन शाम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरजीत विभाग प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, रणविजय सिंह सभा जिला कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक शारदा कांत पांडे ,विभाग संयोजक विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शिव कुमार पांडे ,आशीष पांडे उर्फ मंटू पांडे जी डायरेक्टर ने दीप प्रज्वलन करके कथा शुभारंभ किया श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा दीप प्रज्वलन करके कथा शुभारंभ किया मंच पर आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्या भारत विख्यात पद्महस्ता भारती व्यास पीठ पर कथा सुना रही है कथा का प्रसंग है भागवत महात्म्य वराह अवतार कथा भक्त उत्सव भव्य आरती की गई आज वितरण किया गया
श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ’ के द्वितीय दिवस पर भगवान की अनन्त लीलाओं में छिपे गूढ़ आध्यात्मिक रहस्यों को कथा प्रसंगों के माध्यम से उजागर करते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी’ की शिष्या भागवताचार्या महामनस्विनी विदुषी सुश्री पद्महस्ता भारती जी ने नन्हें भक्त ध्रुव की संकल्प यात्रा को बड़े ही मार्मिक ढंग से कह सुनाया। भगवान तो भाव के भूखे हैं। भावों से पुकारने पर वे झट दौड़े चले आते हैं।
साध्वी जी ने बताया कि भक्त ध्रुव की संकल्प यात्रा प्रतीक है- आत्मा और परमात्मा के मिलन की । यह यात्रा तब तक पूर्ण नहीं होती, जब तक मध्य सद्गुरु रूपी सेतु न हो । यही सृष्टि का अटल और शाश्वत नियम है। ध्रुव ने यदि प्रभु की गोद को प्राप्त किया तो देवर्षि नारद जी के द्वारा। अर्जुन ने यदि प्रभु के विराट स्वरूप का साक्षात्कार किया तो जगद्गुरु भगवान श्री कृष्ण की महती कृपा से राजा जनक जीवन की सत्यता को समझ पाए लेकिन गुरु अष्टावक्र जी के माध्यम से। मुण्डकोपनिषद् भी कहता है
तद्विज्ञानार्थं स गुरुमेवाभिगच्छेत् । समित्पाणिः श्रोत्रियं ब्रह्मनिष्ठम् ॥
अर्थात् उस परब्रह्म ज्ञान प्राप्त करने के लिए हाथ में जिज्ञासा रूपी समिधा लेकर वेद को भली-भांति जानने वाले परब्रह्म परमात्मा में स्थित गुरु के पास ही विनयपूर्वक जाएं। आपको ईश्वर के दर्शन अवश्य करवाए जाएंगे। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने सभी को ईश्वर दर्शन के लिए आमंत्रित किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ एक विलक्षण व अद्भुत कार्यक्रम है। वर्तमान समाज की मुख्यधारा में रहते हुए भी वैदिक कालीन जीवनशैली से युक्त हज़ारों सेवादार व कार्यकर्ता कथा प्रांगण में अपनी-2 सेवाओं में संलग्न दिखते हैं। मंच पर आसीन
युवा साधुजन व साध्वियों को भक्ति रचनाओं का गायन करते देख ऐसा होता है मानो भारत पुनः ऋषियों की भूमि बन गया हो। वास्तविकता में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान गुरुदेव श्री आशतोष महाराज जी की निःस्वार्थ और परमार्थी भावनाओं का ही पुंज है। उनकी अंतःप्ररेणा और संकल्प शक्ति का ओज है । नवयुग की स्थापना के लिए कटिबद्ध श्री आशतोष महाराज जी की विश्व कल्याण को समर्पित इस भावना, प्रेरणा और संकल्प को धरातल पर साकार रूप में अवतरित करने के लिए उनके असंख्य अनुयायी, लगभग दस हजार भगवाधारी युवा संत सेनानी यह सभी ब्रह्मज्ञानी साधक संकल्पबद्ध हैं।

इस कथा की मार्मिकता व रोचकता से प्रभावित होकर अपार जनसमूह के साथ-साथ शहर के विशिष्ट नागरिक भी इन कथा प्रसंगों को श्रवण करने के लिए पधारे। श्रीमद्भागवत की कथा में भाव विभोर करने वाले मधुर संगीत से ओत-प्रोत भजन-संकीर्तन को श्रवण कर भक्त श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूमने को मजबूर हो गए। इस भव्य आयोजन में इनके अतिरिक्त , साध्वी सुश्री वंदना भारती, ,अभिनंदन, प्रति भारती, स्वामी करुणेशानन्द , शिवम, श्रेष्ठ इत्यादि उपस्थित हुए ।
कथा के आयोजक स्वामी अर्जुन आनंद जी गोंडा के प्रभारी कमल महात्मा यशवीर महात्मा श्री राम स्वामी जी महिलाओं की टीम में रितु जायसवाल विद्यावती मिश्रा श्रीमती किरण मिश्रा श्रीमती हरकेश सिंह श्रीमती शशि जायसवाल श्रीमती सरोज जायसवाल वही युवा परिवार सेवा समिति के अध्यक्ष रितु जायसवाल अन्य सेवादार भाई बहने रहे मौजूद । भव्य आरती पंडित जगदीश तिवारी, ने अजमान रामकरण मिश्रा वरिष्ठ एडवोकेट, संतोष कुमार जायसवाल, अजय कुमार जायसवाल जमुना प्रसाद मिश्रा , विश्वजीत शुक्ला इन लोगों ने प्रथम दिन कलश यात्रा में भी हुए शामिल और शाम को 5:00 बजे कथा दीप प्रज्वलन में आरती में रहे मौजूद
सुमधुर भक्ति भावों से पुरित भजनों से सुसज्जित इस सात दिवसीय कथा ज्ञान यज्ञ के आयोजन का शुभारंभ आज दिनांक 9 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक प्रतिदिन सायं 5 बजे

से रात्रि 9 बजे तक होगा।
विजुअल
साध्वी शिष्या भारत विख्यात पद्महस्ता भारती कथा व्यास से सुंदर कथा सुना रही हैं

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