लगातार विवादों के घेरे में चल रहा एआर व बड़गांव समिति का कार्यालय
न्यायालय ने विवेचना को किया निरस्त दोबारा होगी मामले की विवेचना
ब्यूरो रिपोर्ट दुर्गेश जायसवाल
गोंडा-लगातार विवादों के घेरे में चल रही गोंडा पुलिस का एक और कारनामा सामने आया हैं। पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए विवेचना को न्यायालय ने निरस्त कर पुनः विवेचना के लिए आदेश जारी किया है। कोतवाली नगर क्षेत्र के रहने वाले आलोक जयसवाल ने कोतवाली नगर में एक मुकदमा जिसका अपराध संख्या 1088/2017 धारा,419, 420,467,468,506 आईपीसी यशपाल सिंह आदि के खिलाफ दर्ज कराया था जिसका विवेचना कई विवेचक द्वारा लीपापोती करते हुए पांच वर्षों से किया जा रहा था। और नतीजा कुछ नहीं निकल रहा था। शिकायतकर्ता आलोक जयसवाल पुलिस से न्याय ना पाकर न्यायालय की शरण में चले गए जिसका प्रकीर्ण वाद संख्या,356/2020 न्यायालय में विचाराधीन था। मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए
न्यायालय मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट द्वारा आदेश जारी किया है कि प्रस्तुत प्रकरण में विवेचक द्वारा प्रेषित अंतिम सं0-11/18,दिनांकित,11/18, दिनांकित,01-07-2018, मुकदमा अपराध संख्या-1088/2017,419,420,467,468,406, भा0द0स0 थाना कोतवाली नगर जिला गोंडा निरस्त की जाती है वादी मुकदमा द्वारा प्रस्तुत प्रोटेस्ट प्रार्थना पत्र दिनांकित,16,08,2022, स्वीकार करते हुए थाना अध्यक्ष कोतवाली नगर को आदेशित किया जाता है कि वह उक्त प्रकरण की पुनः विधिसम्मत विवेचना कराया जाना सुनिश्चित करें, अब सोचने की बात यह होगी कि नगर पुलिस द्वारा किए गए विवेचना को आखिरकार न्यायालय ने गंभीरतापूर्वक लेते हुए क्यों निरस्त कर दिया यह भी एक प्रश्न बन रहा है और नगर के विवेचक पुलिस अधिकारी के ऊपर उंगली उठ रही है।