यूपी सरकार की ऑनलाइन शिकायत व्यवस्था बनी मजाक
(शिकायत में दूसरे की रिपोर्ट लगाकर बेलगाम जिम्मेदार अधिकारियों,कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा फर्जी निस्तारण, जिले स्तर के अधिकारी भी बिना अवलोकन किये ही शिकायत को अंतिम रूप से कर रहे निस्तारित)
आंख मूंद कर आनलाइन सन्दर्भ का फर्जी तरीके से निस्तारण करके जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी सरकारी धन के दुरुपयोग को दे रहे बढ़ावा
कर्नलगंज, गोण्डा। यूपी सरकार की ऑनलाइन शिकायत व्यवस्था मजाक साबित हो रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण तहसील क्षेत्र कर्नलगंज में सामने आया है। यहाँ के विकास खण्ड कर्नलगंज अन्तर्गत ग्राम पैरौरी (बबुरास) निवासी सुरजन सिंह ने जिलाधिकारी को ऑनलाइन शिकायत भेजकर संपूर्ण मामले की स्वयं जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुये कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायत कर्ता सुरजन सिंह ने डीएम से की गयी शिकायत में कहा है कि बीते 7 जून को उसने ऑनलाइन शिकायत किया था। जिसकी शिकायत संख्या 40018322015133 है। जिसमें यह कहा गया था कि उसके घर से मुरावन टोला होते हुये नक़छेद के घर के आगे सड़क तक करीब 14 वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत द्वारा खड़ंजा मार्ग का निर्माण कराया गया था, जो मरम्मत योग्य था। लेकिन खड़ंजा मार्ग का मरम्मत न कराकर मार्ग की ईंट हजम करने की नियत से ग्राम प्रधान ने मार्ग पर बिछी ईंट को उजड़वाकर उसी मार्ग पर मानक विहीन इंटरलाकिंग व नाली का निर्माण करा दिया है। जिसमें खड़ंजा मार्ग की पुरानी ईंट का पुनः उपयोग करके नया ईंट का भुगतान लिया गया है।जिसकी जांच कराकर सम्बंधित लोगों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कराकर कार्रवाई किये जाने की मांग की गई थी। मगर खंड विकास अधिकारी व ग्राम विकास अधिकारी ने मिलकर संयुक्त रूप से बिना जांच किये ही दूसरे की शिकायत संख्या 40018322014503 की रिपोर्ट उसके शिकायत में अपलोड कर दिया। जिसे मुख्य विकास अधिकारी ने बिना अवलोकन किये ही यह कहते हुये शिकायत को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया कि प्रकरण की जांच खण्ड विकास अधिकारी द्वारा कराई गई है और खण्ड विकास अधिकारी द्वारा प्रेषित आख्या सन्तोष जनक है। प्रकरण में आरोप है कि इस तरह आंख मूंद कर आनलाइन सन्दर्भ का फर्जी तरीके से जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा निस्तारण करके सरकारी धन के दुरुपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। शिकायत कर्ता सुरजन सिंह ने डीएम से स्वयं जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुये कार्रवाई करने की मांग की है। इस संबंध में जानकारी करने हेतु सीडीओ गोंडा से सीयूजी नंबर पर फोन करके संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।