तबादले के पंद्रह दिनों बाद भी संग्रह लिपिक को रिलीव नहीं कर रहे अधिकारी

तबादले के पंद्रह दिनों बाद भी संग्रह लिपिक को रिलीव नहीं कर रहे अधिकारी

 

कर्नलगंज, गोण्डा। तबादले के पंद्रह दिनों बाद भी तहसील कार्यालय कर्नलगंज में तैनात संग्रह लिपिक को स्थानीय अधिकारियों द्वारा रिलीव नहीं किया गया है। यह लिपिक कई वर्षों से इसी तहसील में कार्यरत है। जिसका बीते पंद्रह दिनों पूर्व तबादला होने के बावजूद अभी तक रिलीव ना किये जाने से जिम्मेदार अधिकारी पर ही सवाल उठने लगे हैं।

 

बताते चलें कि तहसील कार्यालय कर्नलगंज के संग्रह विभाग में तैनात चहेते बाबू पर अधिकारी विशेष रूप से मेहरबान है। जानकारी के मुताबिक इसी तहसील कार्यालय में कई वर्षों से कार्यरत शिवकुमार संग्रह लिपिक का पटल देख रहे हैं। विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक संग्रह लिपिक का उच्चाधिकारियों द्वारा बीते पंद्रह दिनों पहले तबादला किया जा चुका है। लेकिन उन्हे अभी तक रिलीव नहीं किया गया है जिससे जिम्मेदार अधिकारी की मेहरबानी से यह संग्रह पटल पर जमे हुए हैं। नियमानुसार तबादले के बाद बाबू को तत्काल रिलीव कर देना चाहिए, जिससे वह संबंधित विभाग में योगदान कर सके।जबकि उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से नई तबादला नीति को लेकर 17 सूत्रीय गाइड लाइन जारी की गई है। यूपी में ट्रांसफर के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों को तय समय सीमा में कार्यभार संभालना ही होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई होगी। तबादला नीति के मुताबिक उसे कार्यमुक्त कर दिया जाएगा। इसमें कहा गया कि तबादला होने के बाद अगर कोई अधिकारी, कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं करता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। तबादला होने के एक सप्ताह के अंदर नया काम शुरू करना होगा। इसके बाद भी अभी तक उक्त लिपिक को रिलीव ना किये जाने से जिम्मेदार अधिकारी पर सवाल उठ रहे हैं।

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