केंद्रीय संयुक्त सचिव ने अधिकारियों से जानी प्रगति आख्या।
जल संरक्षण हेतु कार्ययोजना बनाकर जलश्रोतों के संरक्षण में काम करें अधिकारी-कपूर
जलसंरक्षण के लिए किए जा रहे है प्रयास
मनरेगा से ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल संरक्षण के लिए हो रहे कार्य-डीएम
बागेश्वर – संयुक्त सचिव जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार नवलजीत कपूर शुक्रवार को बागेश्वर दौरे पर रहे। बागेश्वर पहुंचकर उन्होंने जिला कार्यालय में जिलाधिकारी समेत जिले के अधिकारियों के साथ बैठक कर जनपद में जल शक्ति अभियान एवं अमृत सरोवर परियोजना के तहत किए गए कार्यों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कहा भारत सरकार लगातार जल संरक्षण एवं संवर्द्धन पर बढ़ावा दे रही है। संयुक्त सचिव ने कहा कि वर्षाजल को स्टोर करने के लिए विशेष प्रयास किए जाए, ताकि पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बनी रहे। इस दौरान उन्होंने अमृत सरोवर योजना के लिए चयनित स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके लिए जिले में किए गए कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रत्येक जनपद को कम से कम 75 अमृत सरोवर बने इसके लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेशों को दिशा निर्देश भी जारी कियें गये है तथा मॉनिटरिंग हेतु एक-एक अधिकारी भी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि जल संचय कार्यक्रम में अकेले भारत सरकार या राज्य सरकारें कुछ नहीं कर सकती हैं, जब तक जन भागादारी व जनजागरूकता इसका एक महत्वपूर्ण भाग न बने। स्कूलों, कॉलेजों, मातृ शक्ति एवं युवा शक्ति को इस आंदोलन का हिस्सा बनाया जाए, जब ग्राम पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक जनसहभागिता होगी तभी भारत सरकार का सपना पूरा किया जा सकेगा। बैठक के बाद संयुक्त सचिव ने गरूड़ के मेलाडुगरी में अमृत सरोवर के तहत संचालित प्रोजेक्टों को स्थलीय निरीक्षण किया व जनसभा कर आमजन से जानकारी भी ली।
वही जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बैठक में बताया कि जल संचय अभियान के तहत ग्राम्य विकास विभाग, वन विभाग, जलागम, जल संस्थान, कृषि, पंचायतीराज विभाग तथा स्वजल द्वारा 1164.34 लाख लीटर जल संग्रहण क्षमता के 122253 संरचनाएं निर्मित की गयी है। वन विभाग द्वारा 257 जल कुण्ड, 102770 कन्टूर ट्रैंच, जलागम द्वारा जल संग्रहण टैंक, सिंचाई टैंक, एलडीपीई0 टैंक, परकुलेशन टैंक, रिचार्ज पिट, खन्तिया,चाल-खाल बनाने के साथ ही कृषि विभाग द्वारा वर्षाती टैंक, जल संस्थान द्वारा चाल-खाल, स्वजल द्वारा सोख्ता पिट बनायें गयें है।वहीं जल संचय अभियान के तहत गरूड़ गंगा नदी पुनर्जनन कार्यक्रम के तहत नौ रिचार्ज जोन धारापानी धार, सौकला खत्ता, जडियाबगड़, अमोली, डुमलोट, कमलखेत, पिंगलाकोट, कौसानी व दरना में कार्य किया जा रहा है। मनरेगान्तर्गत वर्ष 2018-19 से वर्ष 2021-22 तक 76108 संरचनाओं को निर्माण किया जा चुका है, जिनमें चाल-खाल, खन्तिया, वृक्षारोपण, चैकडेम आदि हैं। उन्होंने बताया कि मिशन अमृत सरोवर के तहत जनपद में चयनित 79 सरोवरों में ग्राम्य विकास विभाग-31, लघु सिंचाई-21, सिंचाई-सात, वन विभाग-छः, पंचायतीराज-नौ तथा कृषि विभाग के पांच चयनित सरोवर है। इस दौरान साइंटिस्ट डॉ. मनीश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी संजय सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, जिला विकास अधिकारी संगीता आर्या, मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी आरके सिंह, जल संस्थान एक्सन डीएस देवडी, सिंचाई योगेश काण्ड़पाल, खंड विकास अधिकारी केडी जोशी, गरूड़ त्रिलोक सिंह भाकुनी, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट, ग्राम प्रधान मेलाडुगरी कौशल्या देवी, पूर्व प्रधान बलवीर सिंह भण्ड़ारी सहित अन्य अधिकारी व आमजन मौजूद थें।
बागेश्वर से गोविन्द सिंह की रिपोर्ट।