जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यामिता विकास केन्द्र फतेहपुर में रिश्वत का बोलबाला
एम ए शिवानन्द ने उद्योग बन्धु से ली थी रिश्वत,पुलिस मे शिकायत के बाद रिटायर्ड कर्मचारी अनीस अहमद के द्वारा कराया वापस
अजय सिंह
फतेहपुर जनपद में जिला उद्योग अधिकारी पर लगे टूल किट घोटाले के आरोपों की जाँच अभी शासन से चल ही रही है कि जिला उद्योग आफिस के एम ए शिवान्न्द पर एक उद्योग स्थापित करनें के लिए आवेदन करनें के लिए फाईल(प्रस्ताव) डाला था जो उद्योग लगानें व फाईल को पास करानें के लिए जगह जगह लुटता रहा लेकिन ईन एम ए साहब का जरा भी दिल न पसीजा की इस उद्योगपति निवेशक को उद्योग लगानें के लिए बजट शासन की मंशारूप बैंक से लोन मिल जायें और उद्योग निवेशक लोगों को रोजगार भी दे सकें।
पीडित युवक की माने तो जिला उद्योग आफिस के एम ए साहब शिवान्न्द ने 55हजार रूपये फाईल पास करवानें के नाम पर घूस ले ली इसके पहले जिला उद्योग अधिकारी पर भी कई मामलों के आरोप प्रत्यारोप लग चुके है ,ईसके बाद विभागीय मिली भगत के चलतें और बैंक कर्मचारी के चलते यूनियन बैंक के तत्कालीन बैंक मैनेजर दिनेश ने भी अपना भाग्य रिश्वत के खेल मे आजमाया और पीडित युवक से 1लाख रूपये ले लिए और सिक्योरिटी के नाम पर गुमराह किया थक मानकर पीडित युवक ने पुलिस से मदद चाही तो पुलिस जिला उद्योग आफिस के एम ए हे बात की है अब आखिर पीडित युवक जिसका मानसिक,शारीरीक, आर्थिक शोषण हुआ अब कब तक उसको न्याय मिलेगा यह तो समय बतायेगा,कहतें है जिस भी अधिकारी को फतेहपुर का खून शेर के मुह में लग जाता है वह फतेहपुर को कभी भूल नही पाता है फतेहपुर जनपद मे भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा की सीमा टूट रही है जिला उद्योग आफिस की हर फाईल की अगर ईमानदारी हे जाँच हो जायें तो भ्रष्टाचार की परत दर परत कलई खुलकर सामनें आ जायेगीं, इसके साथ साथ जिस भी बैंक से ऋण/लोन हुआ हो उस बैंक प्रबन्धक की भी जाँच होनी चाहिए क्योंकि पीडित युवक का कहना है कि दाम के बिना कोई भी काम किसी भी सरकारी आफिस में नही होता है शोषित युवक का कहना है कि यहाँ हर डाल पर ऊल्लू बैठा है वही जब इस पूरें मामलें पर एम ए शिवानन्द से बात हुई तों गोल मोल जवाब देतें हुयें टालते रहें जिस आफिस के निजाम पर ही घोटाले के आरोप लग चुकें हो और आरोप सही साबित हो चुकें हो उस आफिस के मातहतों का क्या हाल होगा,यह तो ऊपर वाला ही जानें।