गुरूद्वारा बड़गांव साहिब गोण्डा में मनाया गया सिखों के गुरू हरगोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश दिवस
डॉ0कल्पराम त्रिपाठी ब्यूरो चीफ गोण्डा
लंगर में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। ठण्डे मीठे शर्बत का भी लगा स्टाल ।
चली पीढ़ी बोगियां रूप दिखावन वारो वारी !
दल भंजन गुर सूरमा लड़ योद्धा बहुत पर उपकारी !!
गोण्डा,नगर के प्राचीनतम गुरूद्वारा बड़गांव साहिब में सिखों के छठवें गुरु धन धन श्री हरगोबिन्द सिंह जी का प्रकाशोत्सव बड़ी श्रृद्धा के साथ धूम धाम से मनाया गया। प्रातः काल से ही गुरूनानक नाम लेवा संगतों का गुरु दरबार में माथा टेकने का सिलसिला चलने लगा जो कि कार्यक्रम के अंत तक चलता रहा। गुरु घर के ज्ञानी अशोक सिंह द्वारा गुरु जी ने जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु जी ने मीरी पीरी की प्रथा शुरू की जिसके अंतर्गत गुरु जी ने दो तलवारें धारण की एक धर्म के लिए और दूसरी धर्म को बचाने के लिए। मुगल शासक जहांगीर ने उनकी बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर ग्वालियर की जेल में डाल दिया वहां गुरूजी तीन साल तक कैद रहे। जहांगीर द्वारा रिहाई के आदेश देने के बाद भी गुरूजी ने रिहा होने से इंकार कर दिया फिर अपनी शर्तों के आधार पर अपने चोले को पकड़ाकर पहले से बंद बावन राजाओं को भी रिहा करा लिया।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार राजेंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि गुरूजी ने अकाल तख्त का निर्माण कराया जहां से तमाम सामाजिक फैसले लिए जाने लगे जो आज भी कायम है।
सेक्रेटरी चरनजीत सिंह खालसा ने तमाम संगत को बधाई दी और गुरूजी के बताये रास्ते पर चलने की अपील भी की।
कार्यक्रम समापन के बाद महिलाओं की सुखमनी सेवा सोसायटी द्वारा लंगर भी चलाया गया। नगर के महाराजा अग्रसेन चौराहे पर गुरूद्वारा बड़गांव साहिब प्रबंधक कमेटी द्वारा मीठे ठण्डे पेयजल का स्टाल भी लगाया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से इन्द्रजीत सिंह, प्रभशरण सिंह, सुरजीत सिंह छाबड़ा, संटी, प्रितपाल सिंह राजू ,ईशूपाल भाटिया,सतीश चैनानी आदि का विशेष सहयोग रहा।