*अंधेर नगरी चौपट राजा-किसान नेता ने किया बड़ा खुलासा*
ताहिर खान
*पिहानी नगर पालिका में निर्माण कार्यों में अनियमितताओं का आरोपःबड़े स्तर पर राजस्व घोटाले का मामला*
पिहानी/हरदोई।नगर में तकरीबन 42लाख रुपए से एक निर्माणाधीन शमसान घाट और एक करोड़ चौसठ (1:64) करोड़ रुपए की लागत से एक निर्माणाधीन गौशाला का कार्य जोरों पर है।इसके अलावा नगर में करोड़ों रुपए की लागत से सड़क व नाली नाला निर्माण एवं 4 तालाबों का सौंदर्यीकरण तकरीबन 66 लाख रुपए की लागत से पूर्ण हो चुका है।मगर जमीनी स्तर पर सब कुछ गड़बड़ नजर आ रहा है।दरअसल पिहानी के जिन तालाबों का सौंदर्यीकरण कार्य सम्पन्न बताया जा रहा है वहां जमीनी स्तर पर लीपापोती के अलावा कुछ भी कार्य नहीं हुआ है सिर्फ राजस्व निधि का बंदरबाट जरुर हुआ है।ये आरोप पिहानी के अवध किसान यूनियन नेता ने लगाया है।यहाँ पालिका अधिशाषी अधिकारी और पालिकाध्यक्ष से लेकर जिम्मेदार लोकसेवकों में अवर अभियंता जेई व एसडीएम शाहाबाद आदि प्रशासनिक अधिकारी मिलकर कागजी दस्तावेजों पर नगर विकास कार्यों की गुणवत्ता एवं उपयुक्त सामग्री उच्च क्वालिटी की दर्शाकर ठेकेदार से मिलकर राजस्व धनराशि का बड़ा घोटाला करके सरकार और लोकतंत्र पर घातक प्रहार कर रहे हैं।जबकि यदि निर्माणाधीन स्थल पर जाकर स्थलीय निरिक्षण का भौतिक सत्यापन पेश किया जाए और वहां पर उपयुक्त सामग्री की गुणवत्ता का पूर्ण ईमानदारी और निष्पक्षता से आकलन किया जाए तो सर्वप्रथम निर्माण में उपयुक्त ईंट चेयरमैन पिहानी के ही चाँद छाप ईंट-भट्ठे की मिलेगी और उनके बिलों की रसीद पर निर्धारित तिथि को उस ईंट के रेट भी आस-पास के ईंट-भट्ठों के रेट से ज्यादा ही लिखे मिलेंगे।इसके अलावा दोम ईंट को अव्वल दर्शाकर उसकी चुनाई में उपयुक्त सामग्री में अनियमितताएं बरतकर ईमानदारी में कमी का दोष कारित किया जा रहा है।जनता को बेवकूफ बनाने के लिए चेयरमैन द्वारा कमेटी गठित कर निर्माण उनकी देखरेख में कराया जा रहा है और साथ-साथ सोशल मीडिया पर चेयरमैन समर्थकों द्वारा एक वीडियो वायरल किया जा रहा है जिसमें चेयरमैन पिहानी ठेकेदार और कमेटी सदस्यों से साफ-साफ ये कहते नजर आ रहे हैं कि निर्माण की गुणवत्ता में कमी न करें यदि लागत में रुपए ज्यादा लगें तो एक लाख रुपए तक मैं अपने निजी फंड से दे दूंगा।जाहिर सी बात है जब बढ़े चढ़े मनमाने दामों पर अपने ही ईंट भट्ठे की ईंट बेंचकर व्यक्तिगत लाभ लेंगे और गुणवत्ताहीन सामग्री लगवाकर नगर विकास कार्यों को सम्पन्न कराएँगे तो एक लाख क्या पाँच लाख रुपए का भी फंड अपने निजी स्रोत से दे सकते हैं क्योंकि आगे निकाय चुनाव आ रहा है वोट भी तो लेना है।