ग्राम समाज की जमीन पर पिछले कई वर्षों से संचालित मेडिकल स्टोर*

*ग्राम समाज की जमीन पर पिछले कई वर्षों से संचालित मेडिकल स्टोर*

 

*ग्राम समाज के खलिहान की जगह में टिन के खोखे में चल रहा है मेडिकल स्टोर*

ताहिर खान

कछौना(हरदोई)कछौना कस्बा में अंतगर्त लखनऊ हरदोई राजमार्ग पर स्थित जानकी प्रसाद पब्लिक इंटर कॉलेज के पास में मेडिकल स्टोर फर्जी लाइसेंस पर ग्राम समाज के खलिहान की जगह में टिन के खोखे में पिछले कई वर्षों से संचालित है। जिस पर आज तक स्वास्थ विभाग की नजर नही पड़ी है।मेडिकल स्टोर औषधि प्रशासन की मिलीभगत से चल रहा है।

कस्बे में संचालित न्यू बालाजी मेडिकल स्टोर पर सरकारी नियमों की अनदेखी की जा रही है। मेडिकल संचालक की जगह अप्रशिक्षित व्यक्ति मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहा हैं। जो प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री में करने में लिप्त हैं।

कस्बे में फर्जी लाइसेंस के न्यू बालाजी मेडिकल स्टोर संचालित हैं। जोकि एक निजी अस्पताल के सामने मेडिकल स्टोर संचालित हैं। जो नियमों को ताक पर रखकर मरीजों की जिदगी से खिलवाड़ करता हैं। फर्जी लाइसेंस के चलने वाली इस दुकान पर अप्रशिक्षित व्यक्ति मरीजों को दवा देता हैं। इस दुकान पर दवाएं बेचने का खेल भी खूब चलता है। अस्पताल प्रशासन व विभागीय अधिकारियों से साठगांठ होने के कारण मेडिकल संचालक बेखौफ होकर अपनी दुकानें चला रहा हैं। निजी अस्पताल से साठ गांठ कर के मेडिकल संचालक ग्रामीणों से आने वाले मरीज के तीमरदारों को जमकर दवाओं के नाम पर धनउगाही करता हैं।

कस्बे में संचालित न्यू बालाजी मेडिकल स्टोर का आलम यह है कि मेडिकल स्टोर का रजिस्ट्रेशन किसी डिग्री या डिप्लोमा धारक के नाम पर है। जबकि संचालन कोई और कर रहा है।तथा धड़ल्ले से दवाएं दे रहा है। साथ ही यह भी बता दे कि कस्बे में संचालित न्यू बालाजी मेडिकल स्टोर संचालक ग्राहकों को पक्का बिल नहीं देता हैं। संचालक के पास ना ही कम्प्यूटर है और ना ही बिल बुक नहीं रहता है। ग्राहक बिल मांगने पर पहले तो बहला फुसला कर भेज देता है। बिल न मिलने के कारण ग्राहकों को दवा वापसी करने में दिक्कत आती है।

कस्बे में अवैध रूप से संचालित इस दुकान पर प्रतिबंधित (नशीली) दवाओं की बिक्री का खेल भी खूब चलता है। मेडिकल संचालक चिकित्सक के परामर्श पर मिलने वाली दवाएं भी लोगों को बेरोक टोक बेचते हैं। इसके बदले ग्राहकों से मुंहमांगी कीमत वसूल की जाती है। मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने पर कोई बिल या पर्ची नहीं दी जाती यदि कोई मांगता भी है तो उसे दवा छीनकर भगा दिया जाता है।

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