आखिर कब मुक्त होगा आरटीओ विभाग दलालों के चंगुल से
जयप्रकाश वर्मा
करमा सोनभद्र ।
सोनभद्र । परिवहन विभाग में जिस तरह से भ्रष्टाचार चल रहा है उससे न सिर्फ सरकार की किरकिरी हो रही है बल्कि सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है l आरटीओ विभाग में लाइसेंस बनवाने के नाम पर धन उगाही चल रही है । इतना ही नहीं आप आरटीओ विभाग न भी जाएं तब भी आप का लाइसेंस बन जायेगा । यानी पूरा सिस्टम किस तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है इससे साफ पता चलता है । यूँ तो दीवारों पर लिख दिया गया कि दलालों का प्रवेश वर्जित लेकिन आरटीओ दफ्तर में न सिर्फ दलाल घूम रहे हैं बल्कि कुर्सी पर बैठकर काम भी निपटा रहे हैं । किसी काउंटर के पास एक आम व्यक्ति घंटों खड़ा होकर पूछने के लिए अपनी बारी का इंतजार करता है, वहीं दलाल कैश काउंटर के अंदर आराम से खड़ा होकर अपना काम निपटाता है ।बड़ा सवाल यह है कि विभाग में सीसीटीवी कैमरा तो लगा दिया गया मगर वह सिर्फ शोपीस बनकर रह गया है ।सीसीटीवी की मॉनिटरिंग एआरटीओ के चेंबर से होता है। मगर आरटीओ विभाग के अधिकारी का यदि उससे कोई सरोकार रहता तो शायद इस तरह की व्यवस्था विभाग में देखने को नहीं मिलती । प्रशासन और परिवहन का चार्ज होने की वजह से एआरटीओ अधिकारी विभाग में समय नहीं दे पाते हैं और इसी का फायदा विभाग के कर्मचारी और दलाल भरपूर उठा रहे हैं । लंबे समय से एआरटीओ प्रशासन की कुर्सी खाली है मगर शासन स्तर पर अब तक कोई नियुक्त नहीं किया गया । ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार कब जागेगी । जिस तरह से सोनभद्र में सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ चल रहा है किसी दिन बड़ी वारदात होने से इनकार नहीं किया जा सकता और तब शासन से लेकर प्रशासन तक एक्टिव नजर आएंगे l हालांकि जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इसकी जांच एडीएम व एसडीएम सहित सीओ को दे दिया है मगर जांच हुई या नहीं या फिर जांच में क्या निकल कर सामने आया है यह अब तक प्रशासन ने खुलासा नहीं किया । अब देखने वाली बात यह होगी कि सुरक्षा से जुड़े इस मामले को प्रशासन कितनी गंभीरता से लेता है ।