*वक़्फ़ की ज़मीन नहीं जाने देंगे -मौलाना जव्वाद*
इस मौके पर मौलाना ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड का गठन ही वक़्फ़ ज़मीनों को नष्ट भ्र्ष्ट करने के लिए हुआ था।
मौलाना ने बताया कि 80 के दशक में बहुत बड़ी बड़ी ज़मीने सरकार ने क़ब्ज़ीया लीं और बाद में में वही ज़मीने वक़्फ़ बोर्ड को लीज़ पर दे दीं।
मौलाना द्वारा दिल्ली में पत्रकार वार्ता के दौरान दिये गए बयान कि हम जान दे देंगे पर वक़्फ़ की ज़मीन नहीं जाने देंगे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कि क्या बिहार और बंगाल के लोग बुलाएंगे वहाँ भी जाएंगे।
उन्होंने बे बाकी से जवाब देते हुए कहा कि एक जान है। उन्होंने कर्बला अब्बास बाग़ में हो रहे काम को देखा और बतया कि जब से क़र्बला का निर्माण हुआ है। तब से पहली मर्तबा इस स्तर पर काम हो रहा है।
पूर्व मुतावल्ली तो यहां पर लगी एसियाँ तक खोल कर ले गये।
राजधानी लखनऊ की मशहूर कर्बला अब्बास बाग़ में शिया धर्म गुरु मौलाना कलबे जव्वाद का निरिक्षण,
रौज़े में हो रही शीशागरी एवं रौज़े में स्टील के लगाए जा रहे दरवाज़ों का किया मुआईना,
मालूम हो कि जब से मौलाना कलबे जव्वाद साहब को कर्बला अब्बास बाग़ का प्रभारी बनाया गया तब से लगातार उक्त कर्बला में ईमामे ज़माना के ट्रस्टी सारिम मेंहदी साहब के देख रेख में युद्ध स्तर पर काम हो रहा है।
रौज़े के अंदर शीशे की खूबसूरत नक़्क़शी का कार्य युद्ध स्तर पर हो रहा है।
साथ ही रौज़े के सभी गेट लगाए जा चुके हैं। जो स्टील के हैं मेन गेट जो लगभग ढाई लाख रुपए का बना है। जो कई कोण्टल स्टील से बना है।
यही नहीं कर्बला का पूरब सिमत का एक गेट जो वर्षों से बंद पड़ा था उसको भी सारिम मेहदी साहब के अथक प्रयासों से खुलवाया गया जिसकी मौलाना मौलाना कलबे जव्वाद साहब ने सरहाना की,