*खुल रही भ्रष्टाचार की परतें जिम्मेदार मौन*

*खुल रही भ्रष्टाचार की परतें जिम्मेदार मौन*

 

*टडियावा हरदोई ताहिर खान*

जनपद में स्वास्थ्य विभाग में जहां जिम्मेदार ही चोरी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचार की भी परतें खुल रही हैं। अभी महिला चिकित्सालय में सीएमएस द्वारा चोरी की गई ऐसी एवं भ्रष्टाचार में लिप्त डॉ बीके चौधरी का मामला शांत भी ना हुआ कि टडियावा सीएससी प्रभारी डॉ मनु शर्मा ने इतिहास रच डाला अभी कुछ दिन पूर्व में ही उनके द्वारा मेडिकल स्टोर एवं झोलाछाप चिकित्सकों पर अभियान चलाकर छापेमारी की गई थी। लेकिन छापेमारी और कार्यवाही का उद्देश्य अवैध वसूली निकला प्रिंस मेडिकल स्टोर सहित 3 अवैध अस्पतालों पर मनु शर्मा के द्वारा छापेमारी और सीलिंग का काम किया गया था लेकिन भ्रष्टाचार के आगे सब तार-तार हो गया। सीएचसी प्रभारी डॉ मनु शर्मा ने जो एफ आई आर दर्ज कराई थी उसमें भी गोलमाल करा दिया और थाना प्रभारी की सांठगांठ से पूरा खेल रच दिया और दोषियों पर कार्यवाही न कर जांच को ठंडे बस्ते में पहुंचा दिया। वहीं दूसरी ओर सीलिंग किए हुए हॉस्पिटलों के डॉक्टरों को हरी झंडी दिखाकर उन्हें पुनः चिकित्सा व्यवस्था बहाल करने के लिए हरी झंडी दिखा दी जिससे दोषियों ने पुनः चिकित्सालय का संचालन प्रारंभ कर दिया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पत्र संख्या मु0चि0अ0/शिकायत/न0हो0/2021/4537 दिनांक25/09/21के अनुपालन में विकास कुमार अवस्थी रंजना हॉस्पिटल सोसायटी , जवान जनता सोसायटी टडियावा के निरीक्षण के दौरान पत्र संख्या सीएचसी/शिकायत/स्पष्टीकरण/2021-22 दिनांक 21/10/2021 के द्वारा सभी अस्पतालों के पत्र अवैध पाए गए लेकिन सीएससी प्रभारी डॉ मनु शर्मा के द्वारा अवैध अस्पतालों को संरक्षण देकर संचालित किया जा रहा था। जब जांच के लिए पुनः उच्चाधिकारियों का प्रेशर पड़ा और लोगों के द्वारा शिकायत की गई तो अवैध अस्पतालों को सीलिंग का कार्य डॉक्टर मनु शर्मा के द्वारा किया गया लेकिन कुछ ही समय बीत जाने के बाद डॉक्टर मनु शर्मा व कोतवाल टडियावा की मिलीभगत से अवैध अस्पतालों का संचालन पुनः शुरू कर दिया गया। सूत्रों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर मनु शर्मा और कोतवाल द्वारा ₹80000 की डीलिंग हुई जिसमें सीएससी प्रभारी डॉ मनु शर्मा व थाना प्रभारी टडियावा ने दोषी डॉक्टरों को हरी झंडी दिखा दी लेकिन कहते हैं कि पाप छुपता नहीं। अवैध अस्पतालों के दोषी डॉक्टर ने ही एक व्यक्ति को फोन पर लेनदेन की जानकारी दी जिसकी रिकॉर्डिंग वायरल हो गई हैं। और लेन-देन का प्रकरण खुल गया तथा साथ ही जिम्मेदारों की जिम्मेदारी का पर्दाफाश हो गया। पूरा हंगामा तब खड़ा हो गया जब एक डिलीवरी केस में फर्जी हॉस्पिटल में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बच्चे की मौत हो गई और पूरा प्रकरण प्रकाश में आ गया। इस विषय में जब थाना प्रभारी कोतवाली टडियावा से वार्ता की गई तो उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बताया कि हमारे द्वारा कोई भी पैसा नहीं लिया गया आरोप निराधार हैं। लेकिन सच्चाई नहीं छुपती जब अपने आप को फंसता देख डॉक्टर ने किसी से मदद मांगी तो उसने स्पष्ट शब्दों में पैसा लेन देन की बात कही कितना पैसा डॉक्टर मनु शर्मा को दिया और कितना पैसा कोतवाली प्रभारी टडियावा को दिया भ्रष्टाचार की जड़ें किस तरह प्रदेश में पनप रही हैं क्या 2.0 की बात कहने वाली भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार को मिटा पाएगी भ्रष्टाचार को मुक्त प्रदेश बनाने की बात कही जाती है। लेकिन अधिकारियों पर जब कार्यवाही की बात आती है तो नेता से लेकर उच्च अधिकारी तक मूकबधिर हो जाते हैं।इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी से वार्ता की तो उन्होंने अपने आपको छुट्टी पर होना बताया और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया वहीं डिप्टी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पटल सहायक से जानकारी लेकर कार्यवाही करने की बात कही और वह भी बात को घुमाते नजर आए लेकिन किस प्रकार भ्रष्टाचार पनप रहा है यह किसी से छिपा नहीं है और उच्चाधिकारी भी ऐसे अधिकारियों का संरक्षण करते नजर आते हैं। और इसीलिए कहीं ना कहीं भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होती है अगर ऐसा नहीं है तो फिर कार्यवाही भ्रष्ट अधिकारियों पर क्यों नहीं।

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