पराली व फसल अवशेष की बिक्री से अतिरिक्त आय अर्जित करें किसान: डीएम 

पराली व फसल अवशेष की बिक्री से अतिरिक्त आय अर्जित करें किसान: डीएम

कलेक्ट्रेट व आवास से सूखी पत्तियों की बिक्री, डीएम की अभिनव पहल

चित्र संख्या 01 से 06 तथा फोटो कैपशन।

बहराइच 22 अप्रैल। बूूंद-बूंद से गागर भरने की कहावत को चरितार्थ करने के लिए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र द्वारा आकांक्षातमक जनपद के लिए एक अभिनव पहल की गयी है। जिलाधिकारी ने अपनेे सरकारी आवास तथा कार्यालय परिसर में लगे हुए पेड़ पौधों से झड़ने वाली सूखी और निष्प्रयोज्य पत्तियों तथा अवशेषों को एकत्र करवा कर पराली/फसल अवशेष एवं पौधों की पत्तियों का उपयोग कर पिलेट्स का निर्माण करने वाली जिले की नामचीन इण्डस्ट्री मेसर्स विपुल इंडस्ट्रीज, आसाम चौराहा, रिसिया बहराइच के हवाले कर कम्पनी के प्रबन्धक राम रतन अग्रवाल से रू. 09 हज़ार 975 का चेक प्राप्त किया। विपुल इंडस्ट्रीज से प्राप्त होने वाली धनराशि को कलेक्ट्रेट तथा आवास पर पौध रोपण हेतु खर्च होगी ताकि आने वाले समय में जहॉ एक ओर हमारी धरा सुन्दर व जीवंत बनी रहे वहीं दूसरी ओर आय में भी इज़ाफा हो।

जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र की यह पहल कृषि प्रधान जनपद बहराइच के किसानों के लिए एक नसीहत बनेगी कि वे भी अपने खेत-खलिहानों से पेड़ पौधों की पत्तिया, फसल अवशेष विशेष कर गन्ना की पत्ति व पराली इत्यादि को एकत्र कर पिलेट्स का निर्माण करने वाली इकाई को बेच कर जहॉ अपने लिए अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं वहीं उनके द्वारा ऐसा करने से पर्यावरण प्रदूषण को कम करने, आग लगने की घटनाओं को न्यून से न्यूनतम करने, आवासीय परिसर तथा कार्यस्थल के आस-पास के वातावरण को ईकोफ्रेंडली बनाने के साथ साथ जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं। इस पूरी कवायद के दूसरे पक्ष पर अगर नज़र डाली जाय तो आपूर्तिकर्ता ईकाई तैयार किये गये पिलेट्स की आपूर्ति एनटीपीसी के ऊर्जा संयंत्रों को करेगी। जिससे किसानों का यह प्रयास अपनी आय में वृद्धि के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण के भी काम आयेगा। शायद इसी को कहते हैं कि आम के आम और गुठलियों के दाम।

उल्लेखनीय है कि वृहस्पतिवार को देर शाम जिलाधिकारी ने अपने सरकारी आवास पर स्वयं, मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, उप कृषि निदेशक टी.पी. शाही, न.पा.परि. बहराइच की अ.अभि. नेहा खान, डा. पीयूष नायक तथा अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के श्रमदान से एकत्र की गयी पत्तियों व फसल अवशेष को एकत्र कर नगर पालिका परिषद द्वारा उपलब्ध कराये वाहन पर लोड़ कराकर विपुल इण्डस्ट्रीज को भिजवाया। जिलाधिकारी का यह प्रयास आवास तक ही सीमित न रहा। शुक्रवार को भी यह सिलिसिला कलेक्ट्रेट परिसर में जारी रहा। जहॉ पर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, उप निदेशक कृषि के साथ परिसर के अवशेष को एकत्र कर इंडस्ट्री को भिजवाया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. चन्द्र द्वारा जनपद के कृषको, बागान मालिकान व वन विभाग सहित अन्य विभागो से अपील की है कि पराली/फसल अवशेषों, पेड़-पौधों की पत्तियों को कदापि आग के हवाले न करें बल्कि उसकी बिक्री कर लाभ अर्जित करें। जिससे पर्यावरण प्रदूषण पर विराम लगने के साथ-साथ आग की घटनाओं पर अंकुश लग सके। मेसर्स विपुल इंडस्ट्रीज के मालिक रामरतन अग्रवाल ने बताया कि इंडस्ट्रीज द्वारा जनपद में फसल अवशेष का 79 लाख रूपये किसानों को भुगतान किया गया है।

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राष्ट्रीय लोक अदालत की भव्य सफलता हेतु बैठक सम्पन्न

चित्र संख्या 07 तथा फोटो कैपशन।

बहराइच 21 अप्रैल। आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत 14 मई 2022 को आयोजित होना है जिसका अधिक से अधिक लाभ जनता को दिये जाने व इसकी सफलता हेतु माननीय तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, नोडल अधिकारी, लोक अदालत, बहराइच सुरजन सिंह की अध्यक्षता मे 21 अपै्रल 2022 को मीटिंग हाल, सिविल कोर्ट परिसर बहराइच में सिओ सिटी एवं समस्त तहसीलदार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद एंव अन्य के साथ बैठक करतेे हुये उन्हें निर्देशित किया गया कि अधिकाधिक वादों को चिन्हित कर उनका निस्तारण आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में किया जाये। साथ ही समस्त अधिकारियों से पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत से अधिक संख्या में वादों का निस्तारण इस राष्ट्रीय लोक अदालत में किये जाने की अपेक्षा की गयी। श्रीमती शिखा यादव, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच द्वारा यह भी निर्देषित किया गया कि समस्त अधिकारी लोक अदालत के दिन कोविड से बचाव तथा भीड़ एकत्रित होने से रोकने का विषेश ध्यान रखे। इस बैठक में समस्त अधिकारियों से लोक अदालत को सफल बनाने में आ रही बाधाओं के बारे में पूछा गया तथा इस संबंध में उनके सुझाव भी लिये गये। बैठक में सिओ सिटी विनय कुमार द्विवेदी, तहसीलदार सदर राज कुमार बैठा, कैसरगंज शिवप्रसाद, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका दुर्गेश्वर त्रिपाठी, जिला पूर्ति अधिकारी अन्नतप्रताप सिंह, एस0डी0ओ0 विद्युत विनय कुमार सहित अन्य विभागों से आये अधिकारीगण उपस्थित रहेे।

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‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना हेतु आनलाइन आवेदन आमंत्रित

आनलाइन प्रस्तुत किये जा सकते हैं आवेदन

बहराइच 22 अप्रैल। उपायुक्त उद्योग मोहन कुमार शर्मा ने बताया कि ने बताया कि सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग उ.प्र. द्वारा संचालित ‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ वित्त पोषण योजना के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में जनपद के लिए चिन्हित उत्पाद खाद्य प्रसंस्करण अचार, चटनी, मुरब्बा, बेकरी, बनाना उत्पाद, डेयरी उत्पाद, गेंहू के डण्ठल से निर्मित कलाकृतियांे के निर्माण के कार्य में लगे हुए इच्छुक युवक-युवतियॉ एवं भावी उद्यमी ओडीओपी उत्पाद के लिए डीआईयूपीएमएसएमई-यूपीएसडीसी-जीओवी डाट इन पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि आनलाइन आवेदन करते समय आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साईज की कलर फोटो, बैंक पास बुक, यदि आवेदक हस्तशिल्पि है तो हस्तशिल्पी पहचान पत्र, मो. नं व ईमेल आईडी आवश्यक है। आवेदक की आयु 01 अप्रैल 2022 को 18 वर्ष होनी चाहिए व आवेदन आनलाइन ही मान्य है। श्री शर्मा ने बताया कि अधिक जानकारी के लिए कोविड-19 में मानको के अनुसार अनिवार्य रूप से मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र बहराइच से कार्यालय अवधि में सम्पर्क किया जा सकता है।

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जनपद में संचालित हुआ सघन चेकिंग अभियान

09 विद्युत उपभोक्ताओं के विरूद्ध दर्ज हुई एफआईआर

रू. 22.36 लाख राजस्व की हुई वसूली

बहराइच 22 अप्रैल। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा लाइन हानियॉ नियन्त्रित करने एवं राजस्व वूसली के उद्देश्य से 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत जनपद बहराइच अन्तर्गत विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम बहराइच, द्वितीय नानपारा तथा तृतीय कैसरगंज में उप खण्ड अधिकारियों के नेतृत्व में 21 अप्रैल 2022 को संचालित किये गये गये सघन चेकिंग अभियान के दौरान कुल 915 जॉच कर 09 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 585 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 22.36 लाख राजस्व की वूसली की गयी।

यह जानकारी देते हुए अधीक्षक अभियन्ता मुकेश बाबू ने बताया कि शनिवार को विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम बहराइच में संचालित किये गये गये सघन चेकिंग अभियान के दौरान 227 जॉच कर 208 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 8.79 लाख राजस्व की वूसली की गयी। जबकि द्वितीय नानपारा अन्तर्गत 312 जॉच कर 02 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 205 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 7.45 लाख राजस्व की वूसली तथा तृतीय कैसरगंज में 376 जॉच कर 07 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 172 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 6.12 लाख राजस्व की वूसली की गयी।

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राज्यों की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश लॉजिस्टिक्स की सुलभता में छठे स्थान पर पहुँचा

बहराइच 22 अप्रैल। आज के व्यावसायिक युग में उत्पादों को शीघ्रता से उपभोक्ताओं तक पहुचाना सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। इससे जुड़े सभी लोगों को लाभ होता है। उ0प्र0 सरकार ने इस कार्य में बड़ा सराहनीय कार्य किया है। विगत तीन वर्षों में व्यवसाय में सहजता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) में 12 स्थानों का अभूतपूर्व सुधार करते हुए भारत में दूसरा रैंक प्राप्त करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के अनवरत प्रयासांे के परिणामस्वरूप अब उत्तर प्रदेश ने लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (लीड्स) (लॉजिस्टिक्स की सुलभता) में दो वर्षों में 7 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुए देश स्तर पर 6वां रैंक प्राप्त किया है। लीड्स 2021 सर्वेक्षण में यह किसी भी राज्य द्वारा सबसे ऊंची छलांग है और उत्तर प्रदेश को ’शीर्ष सुधारकर्ता’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पांच के पैमाने पर 3.25 के स्कोर के साथ उत्तर प्रदेश ने अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता, लॉजिस्टिक्स सेवाओं की उपलब्धता तथा विश्वसनीयता, परिचालन एवं नियामक वातावरण आदि के मापदंडों पर अपने प्रदर्शन मंे जबरदस्त सुधार किया है। यह प्रदेश सरकार के सक्रिय संचालित निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए लॉजिस्टिक्स के विकास हेतु किए गए उपायों का परिणाम है।

राज्य सरकार द्वारा यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018 के दौरान इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति घोषित की थी। इस नीति के अंतर्गत ब्याज सब्सिडी, भूमि उपयोग और विकास शुल्क में छूट, स्टाम्प शुल्क एवं इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी में छूट तथा कौशल विकास सब्सिडी सहित अनेक आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा प्रदान किया है तथा लॉजिस्टिक्स में संचालन की लागत को कम करके उत्तर भारत में लॉजिस्टिक्स में निवेश के लिए प्रदेश को एक अनुकूल गंतव्य स्थापित किया है।

प्रदेश में लॉजिस्टिक्स के समग्र विकास हेतु राज्य सरकार ने एक व्यापक एकीकृत राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स योजना विकसित की है। इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा सम्पूर्ण राज्य में निर्यात केंद्रों को लाभ पहुंचाने के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी और कार्गाे परिवहन सुनिश्चित करने का अच्छा प्रबन्धन रहा। उद्योगों की सुविधा हेतु आपूर्ति श्रृंखलाओं (सप्लाई चेन) और भण्डारण (वेयरहाउसिंग) सुविधाओं के विकास के लिए अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास की अध्यक्षता में राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स प्रकोष्ठ (सेल) तथा लॉजिस्टिक्स योजना की प्रगति और कार्यान्वयन के अनुश्रवण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति का गठन किया गया है। लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास हेतु अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा उत्तरी, पूर्वी एवं पश्चिमी आर्थिक केंद्रों के निकट होने के कारण उत्तर प्रदेश को अप्रतिम लाभ प्राप्त है। सुदृढ़ रेल एवं रोड नेटवर्क के साथ ’एक्सप्रेसवेज के राज्य’ में लॉजिस्टिक्स सेक्टर का भविष्य उज्ज्वल है। दिल्ली-मुंबई इण्डस्ट्रियल कोरिडोर (डी0एम0आई0सी0) का 8.5 प्रतिशत तथा अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल कोरिडोर (डी0एम0आई0सी0) का 57 प्रतिशत आच्छादित क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है, जिसमें लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए प्रदेश हेतु अनेक अवसर हैं।

इन दोनों कोरिडोर का जंक्शन ग्रेटर नोएडा में है, जिससे यह उत्तरी भारत में सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बन गया है। ग्रेटर नोएडा के जेवर में भारत के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों में से एक आगामी नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास से राज्य के लाभ में वृद्धि होगी। राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के साथ राज्य मंे बनाए गए वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क का कनेक्टिविटी तंत्र उद्योगों एवं विनिर्माण इकाइयों को परिवहन के विभिन्न माध्यमों का निर्बाध रूप आवश्यकतानुसार उपयोग करने में मदद करेगा, क्योंकि वे अपने उत्पाद भारत एवं विदेशों के बाजारों में भेजते हैं।

लीड्स 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देश में उत्तर प्रदेश में अधिकतम कोल्ड स्टोरेज की क्षमता के 39.84 प्रतिशत अंश के साथ सबसे अधिक संख्या में रेलवे गुड शेड्स (689) और कोल्ड स्टोरेज (2406) है। उ0प्र0 में लॉजिस्टिक्स में प्रशिक्षित व्यक्तियों की उच्चतम संख्या के साथ प्रशिक्षण केंद्रों की अधिकतम संख्या है। चूंकि उत्तर प्रदेश भारत सरकार की गतिशक्ति अवस्थापना योजना के माध्यम से एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास को सहकारी संघवाद (कोऑपरेटिव फेडरलिज्म) को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानता है, अतः लीड्स में राज्य का उच्च प्रदर्शन उत्तर प्रदेश द्वारा नये भारत के निर्माण को सशक्त करने में योगदान का प्रमाण है।

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