बहुत दर्दनाक हादसा है।
अफसोस तो ये है कि इस तरह की घटनाएं होने के बाद ही शासन प्रशासन जागता है वरना अगर पहले से पैनी निगाह रखी जाए तो इस तरह की वारदातें हों ही न। मालूम हो कि खीरी टाउन के बाजार व गली मोहल्लों में संचालित दर्जनों दुकानों पर बच्चों के लिए खट्टा मीठा ज़हर खुले आम बेचा जा रहा है। एक एक रुपये के पोंगे जिनपर तीखा लाल केमिकल लगा हुआ है, एक एक रुपये के रंग बिरंगे प्लास्टिक के पाउच जिनमें रँगीन मीठा पानी भरा हुआ है न जाने कब की पैकिंग है और क्या क्या मिलावट है लेकिन जूस के नाम पर बच्चे ख़ूब खरीद रहे हैं, पचासों तरह के खट्टे व मीठे रंग बिरंगे चूर्ण भी बेचे जा रहे हैं। इनके अलावा सैकड़ों ऐसी ही चीज़े धड़ल्ले से बेची जा रही हैं जिनके निर्मित होने का पता व नाम आदि सब फ़र्ज़ी अंकित होता है कि अगर कोई ढूंढे तो सारी जिंदगी बस ढूंढता ही रहे। बहरहाल सारा दिन ये नुकसानदेह चीज़े बच्चों के पेट में पहुंचाई जा रही है लेकिन प्रशासन आँखे मूँदे हुए शायद यहां भी किसी दर्दनाक हादसे का इन्तिज़ार कर रहा है।